तुमने
इक दिन
मुझसे पूछा था न ?
"मै अक्सर आँखे बंद कर के
क्यूँ बैठा रहता हूँ ?
कोई पूजा पाठ या
मन्त्र जाप तो नहीं करता रहता हूँ "
और,
तब मैं
तुम्हारी इस बात को
हंस के टाल गया था
पर अब आज तुम्हे बताता हूँ
तो सुनो
जब तुम मेरे पास आती थी
बैठती थी हँसती / खिलखिलाती
मुँह चिढ़ाती
तब मै तुम्हरी इन सभी बातों को
चुपके से
अपनी आँखों की डिब्बी में रख लेता था
और मन की पलकों ढक्क्न लगा देता था
ताकि
तुम्हे जुदा होने के बाद भी
तुम्हे यूँ ही हँसता खिलखिलाता देख सकूं
इक दिन
मुझसे पूछा था न ?
"मै अक्सर आँखे बंद कर के
क्यूँ बैठा रहता हूँ ?
कोई पूजा पाठ या
मन्त्र जाप तो नहीं करता रहता हूँ "
और,
तब मैं
तुम्हारी इस बात को
हंस के टाल गया था
पर अब आज तुम्हे बताता हूँ
तो सुनो
जब तुम मेरे पास आती थी
बैठती थी हँसती / खिलखिलाती
मुँह चिढ़ाती
तब मै तुम्हरी इन सभी बातों को
चुपके से
अपनी आँखों की डिब्बी में रख लेता था
और मन की पलकों ढक्क्न लगा देता था
ताकि
तुम्हे जुदा होने के बाद भी
तुम्हे यूँ ही हँसता खिलखिलाता देख सकूं
क्यूँ ???
समझ में आया मेरी पग्गो रानी
मेरी सुमी रानी ???
समझ में आया मेरी पग्गो रानी
मेरी सुमी रानी ???
मुकेश इलाहाबादी --------------
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