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Monday, 20 July 2020

गुलाब भी तुझको सजदा करता है

गुलाब भी तुझको सजदा करता है
चाँद भी तेरे आगे फीका लगता है

तुम्हारे चेहरे पे गज़ब भोलापन है 
हंसी से बातों से शहद टपकता है 
aसुर्ख होठ गाल गुलाबी बाल स्याह   
ख़ुदा ने तुझको अनेको रंग दिया है 

तुम्हारे चेहरे पे कुछ तो आसमानी है
जमाना यूँ ही तो  नहीं परी कहता है 

तुम्हारा नाम मुक्कू से क्या जुड़ा है 
वो कुछ - कुछ मगरूर सा रहता है  

मुकेश इलाहाबादी --------------

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