आँखों में दरिया हंसी तेरी झरना है
अब तो इसी आबे हयात में डूबना है
मिल जाए हयात तो भी क्या करना
मुझे तो तेरी गलियों में ही रहना है
ज़रुरत क्या तुझे सजने सँवारने की
तेरी सादगी तेरा सबसे बड़ा गहना है
जो इजाज़त मिल तुझे जाये गैरों से
मुक्कू मुझे भी तुमसे कुछ कहना है
मुकेश इलाहाबादी ------------------
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